दृष्टि और उद्देश्य

दृष्टि और उद्देश्य

इलाहाबाद संग्रहालय संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पूर्ण वित्तपोषित वर्ष 1931 में स्थापित किया गया था। 1985 में यह भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय महत्व की संस्था घोषित किया गया था। संग्रहालय का प्रबन्धन इलाहाबाद संग्रहालय समिति और इसकी विभिन्न समितियों द्वारा किया जाता है। इलाहाबाद संग्रहालय समिति का मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैः

i. आयोजन, अधिग्रहण एवं संयोजन द्वारा संग्रहालय के विकास के क्षेत्र में अध्ययन एवं शोध को प्रोत्साहन एवं प्रोन्नति।
ii. कलाकृतियों का अधिग्रहण, अनुरक्षण और संरक्षण।
iii. संस्था के उद्देश्य और लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए समान क्रिया-कलाप वाली भारत और सुदूर के संस्थानों/संस्थाओं के साथ संयुक्त सहयोग।
iv. व्याख्यान, गोष्ठी, परिसंवाद, संगोष्ठी का भारत और सुदूर में संग्रहालय के विकास हेतु आयोजन एवं युवा पीढ़ी को देश की सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि हेतु सम्मिलित करना।
v. ऐसे समस्त आकस्मिक क्रिया-कलापों का अथवा सभी ऐसे प्रेरक कार्यक्रमों का अथवा संग्रहालय से सम्बन्धित किसी भी क्रिया-कलाप का कार्यान्वयन।

संस्कृति मंत्रालय के परामर्श से इलाहाबाद संग्रहालय ने 4 मुख्य उद्देश्य चिन्हित किए हैं जिससे अगले 3 वर्षाें में इसके स्तर में सुधार करने और इलाहाबाद संग्रहालय के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए निश्चित रूप से आवश्यक होंगें।

i. जनता की निरन्तरता और दर्शकों की संख्या बढ़ाने के लिए संग्रहालय द्वारा जनसमुदाय की प्रतिभागिता वाले विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना।
ii. अगले दस-पन्द्रह वर्ष की दीर्धगामी दृष्टि के आधार पर एक व्यापक एवं संग्रहालय के समस्त विकास और उन्नयन की योजना तैयार करना और उसका कार्यान्वयन करना।